Guru Mahima Bhajans Download Guru Mahima Mp3 Download
Find Some Nice Bhajans Of Guru Mahima Singing By Various Artists With Hindhi Lyrics
Free Download And Listen Guru Mahima Bhajans Full Album_-_
1. Guru Ki Mahima.mp3 (from Bhakti Prakash)
2. Sadho Eisa Hi Guru Bhave.mp3
साधो ऐसा ही गुरु भावे
साधो ऐसा ही गुरु भावे,
राग रंग का भर भर प्याला,
पीवे और पिलावे ॥
साधो ऐसा ही गुरु भावे . . .
नाद छिपा तन में न मन में,
कोई पता न पावै,
चांद सूरज का लोचन गुरु का,
देखे और दिखावै
साधो ऐसा ही गुरु भावे . . .
परम हंस गुरु अंश रूप जब,
हृदय बीच बिराजे,
सात सुरों की बानी मेरी,
राम नाम गुण गावे ॥
साधो ऐसा ही गुरु भावे . . .
एक ही सब सुख दुख दिखलावे,
शब्द में सूरत समावे,
कहे कबीर ताको भय नाहीं,
निर्भय पद परसावै ॥
साधो ऐसा ही गुरु भावे . . .
3. Guru Bin Kaun Samhare.mp3
गुरु बिन कौन सम्हारे
गुरु बिन कौन सम्हारे, को भव सागर पार उतारे ।
टूटी फूटी नाव हमारी पहुँच न पाई तट पर,
जैसे कोई प्यासा राही, भटक गया पनघट पर,
पास खड़ा गुरु मुस्काता है, दोनो बाँह पसारे,
को भवसागर पार उतारे, गुरु बिन . . .
मेरे राम मुझे शक्ति दे, मन में मेरे दृढ़ भक्ति दे,
राम काम मैं करूँ निरंतर, राम नाम चित्त धारे,
को भवसागर पार उतारे, गुरु बिन . . .
जीवन पथ की उलझन लख कर, खड़े न हो जाना तुम थक कर,
तेरा साथी, ‘राम’ निरंजन, चलता साथ तुम्हारे,
को भवसागर पार उतारे, गुरु बिन . . .
टूटी फूटी नाव हमारी पहुँच न पाई तट पर,
जैसे कोई प्यासा राही, भटक गया पनघट पर,
पास खड़ा गुरु मुस्काता है, दोनो बाँह पसारे,
को भवसागर पार उतारे, गुरु बिन . . .
मेरे राम मुझे शक्ति दे, मन में मेरे दृढ़ भक्ति दे,
राम काम मैं करूँ निरंतर, राम नाम चित्त धारे,
को भवसागर पार उतारे, गुरु बिन . . .
जीवन पथ की उलझन लख कर, खड़े न हो जाना तुम थक कर,
तेरा साथी, ‘राम’ निरंजन, चलता साथ तुम्हारे,
को भवसागर पार उतारे, गुरु बिन . . .
4. Maharaj Kripalu Bare.mp3
महाराज कृपालु बड़े
महाराज कृपालु बड़े,
गुरूदेव दयालु बड़े,
वो आप ही काम बना देंगे,
महाराज कृपालु बड़े ॥
टूटी फूटी नैया हमरी,
खुद खे कर पार लगा देंगे,
महाराज कृपालु बड़े,
गुरूदेव दयालु बड़े ॥
हम आये कहाँ के ऐसे धनी,
जो उन बिन काम चलायेंगे,
हाँ, मेरे समर्थ बाबा ऐसे,
जो बिगड़ी बात बनायेंगे,
महाराज कृपालु बड़े,
गुरूदेव दयालु बड़े ॥
लिख सतगुरु वल पाईयाँ
लिख सतगुरु वल पाईयाँ,
चिट्ठियाँ प्रेम दीयां ॥
दरशन नूँ दिल तरस रहया ए,
नीर छमाछम बरस रहया ए,
प्रेम घटा चढ़ आईयां ॥१॥
दरश तेरे दीयां तागां मैनूं,
दिन ते रात उडीकां तैनूं,
मुड़ मुड़ पुछदी राहियाँ ॥२॥
बक्श लईं तू अवगुण मेरे,
मैं वी आन डिगी दर तेरे,
अरजां आख सुणाईयाँ ॥३॥
धुन – सानूं मिल गया राम प्यारा, होर असी की मंगना ॥
चिट्ठियाँ प्रेम दीयां ॥
दरशन नूँ दिल तरस रहया ए,
नीर छमाछम बरस रहया ए,
प्रेम घटा चढ़ आईयां ॥१॥
दरश तेरे दीयां तागां मैनूं,
दिन ते रात उडीकां तैनूं,
मुड़ मुड़ पुछदी राहियाँ ॥२॥
बक्श लईं तू अवगुण मेरे,
मैं वी आन डिगी दर तेरे,
अरजां आख सुणाईयाँ ॥३॥
धुन – सानूं मिल गया राम प्यारा, होर असी की मंगना ॥
हथ विच माला नू फड़ के
तन शुद्ध होया मन वस होया,
जदों जाप वाली माला फड़ लई ।
जाप कीतयां कदे ना मन डोले,
जाप कीतयां चांदनी चढ़ गई ॥
जाप कीतयां कदे ना दुःख आवे,
जाप कीतयां कदे ना थुड़ पई ।
जाप कीतयां कदे ना राह भुल्ले,
जाप कीतयां दुनियाँ भुल्ल गई ॥
जेहड़ा अपना आप गवांवदा वे,
ओदा प्रभु वी साथ निभांवदा वे ।
चरणी लग जावो सच्चे सतगुरु दे,
फेर जनम सफल हो जावंदा वे ॥
हथ विच माला नू फड़ के,
ध्यान सतगुरु दा करके,
घरों टुर पईयाँ ॥
हथ विच ...
अग्गों सतगुरु जो मिल गए,
करनियाँ वाले जो मिल गए,
चरणी डिग पईयाँ ॥
हथ विच ...
सतगुरु खिंचा जो पाईयाँ,
असी दूरों चल आईयाँ,
रल मिल सबै सईयाँ ॥
हथ विच ...
सतगुरु करनियाँ वाले,
तुझ बिन कौन सम्भाले,
पकड़ो मेरी बैंय्या ॥
हथ विच ...
सतगुरु रस्ता दिखावो,
मैनूं राम से मिलावो,
अखियाँ तरस रहियाँ ॥
हथ विच ...
सतगुरु किरपा दिखावो,
मैनूं चरणी लगावो,
अरजां कर रहियाँ ॥
हथ विच ...
सतगुरु सिर ते हथ रखया,
प्रेम दा सिर ते हथ रखया,
दरशन पाय रहियाँ ॥
हथ विच ...
जदों जाप वाली माला फड़ लई ।
जाप कीतयां कदे ना मन डोले,
जाप कीतयां चांदनी चढ़ गई ॥
जाप कीतयां कदे ना दुःख आवे,
जाप कीतयां कदे ना थुड़ पई ।
जाप कीतयां कदे ना राह भुल्ले,
जाप कीतयां दुनियाँ भुल्ल गई ॥
जेहड़ा अपना आप गवांवदा वे,
ओदा प्रभु वी साथ निभांवदा वे ।
चरणी लग जावो सच्चे सतगुरु दे,
फेर जनम सफल हो जावंदा वे ॥
हथ विच माला नू फड़ के,
ध्यान सतगुरु दा करके,
घरों टुर पईयाँ ॥
हथ विच ...
अग्गों सतगुरु जो मिल गए,
करनियाँ वाले जो मिल गए,
चरणी डिग पईयाँ ॥
हथ विच ...
सतगुरु खिंचा जो पाईयाँ,
असी दूरों चल आईयाँ,
रल मिल सबै सईयाँ ॥
हथ विच ...
सतगुरु करनियाँ वाले,
तुझ बिन कौन सम्भाले,
पकड़ो मेरी बैंय्या ॥
हथ विच ...
सतगुरु रस्ता दिखावो,
मैनूं राम से मिलावो,
अखियाँ तरस रहियाँ ॥
हथ विच ...
सतगुरु किरपा दिखावो,
मैनूं चरणी लगावो,
अरजां कर रहियाँ ॥
हथ विच ...
सतगुरु सिर ते हथ रखया,
प्रेम दा सिर ते हथ रखया,
दरशन पाय रहियाँ ॥
हथ विच ...
7. Gurudev Daya Karke.mp3
गुरुदेव दया करके
गुरुदेव दया करके मुझको अपनालेना ।
मैं शरण पड़ा तेरी चरणों में जगह देना ॥
करुणानिधि नाम तेरा, करुणा दिखलाओ तुम,सोये हुए भाग्यों को, हे नाथ जगाओ तुम, मेरी नाव भंवर डोले, उसे पार लगा देना ॥
गुरुदेव दया करके ...
तुम सुख के सागर हो, निर्धन के सहारे हो,मेरे मन में समाए हो, मुझे प्राणों से प्यारे हो,नित माला जपूं तेरी, नहीं दिल से भुला देना ॥
गुरुदेव दया करके ...
पापी हूँ या कपटी हूँ, जैसा भी हूँ तेरा हूँ,घरबार छोड़कर मैं, जीवन से खेला हूँ,दुख का मारा हूँ मैं, मेरे दुखड़े मिटा देना ॥
गुरुदेव दया करके ...
मैं तेरा सेवक हूँ, चरणों का चेरा हूँ,नहीं तात भुला मुझको, इस जग में अकेला हूँ,तेरे दर का भिखारी हूँ, मेरे दोष मिटा देना ॥
गुरुदेव दया करके ...
मैं शरण पड़ा तेरी चरणों में जगह देना ॥
करुणानिधि नाम तेरा, करुणा दिखलाओ तुम,सोये हुए भाग्यों को, हे नाथ जगाओ तुम, मेरी नाव भंवर डोले, उसे पार लगा देना ॥
गुरुदेव दया करके ...
तुम सुख के सागर हो, निर्धन के सहारे हो,मेरे मन में समाए हो, मुझे प्राणों से प्यारे हो,नित माला जपूं तेरी, नहीं दिल से भुला देना ॥
गुरुदेव दया करके ...
पापी हूँ या कपटी हूँ, जैसा भी हूँ तेरा हूँ,घरबार छोड़कर मैं, जीवन से खेला हूँ,दुख का मारा हूँ मैं, मेरे दुखड़े मिटा देना ॥
गुरुदेव दया करके ...
मैं तेरा सेवक हूँ, चरणों का चेरा हूँ,नहीं तात भुला मुझको, इस जग में अकेला हूँ,तेरे दर का भिखारी हूँ, मेरे दोष मिटा देना ॥
गुरुदेव दया करके ...
गुरु आज्ञा में निश दिन रहिये
गुर्रु ब्रह्मा गुर्रु विष्णु गुर्रु देवो महेश्वर:
गुर्रु साक्षात पर ब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:
गुरु आज्ञा में निश दिन रहिये, जो गुरु चाहे सोयि सोयि करिये ।
गुरु चरनन रज मस्तक दीजे, निज मन बुद्धि शुद्ध कर लीजे,
आँखिन ज्ञान सुअंजन दीजे, परम सत्य का दरशन करिये ॥
गुरु आज्ञा में . . .
गुरु अँगुरी दृढ़ता से धरिये, साधक नाम सुनौका चढ़िये,
खेवटिया गुरुदेव सरन में, भव सागर हँस हँस के तरिये ॥
गुरु आज्ञा में . . .
गुरु की महिमा अपरम्पार, राम धाम में करत विहार,
ज्योति स्वरूप राम दरशन को, गुरु के चरन चीन्ह अनुसरिये ॥
गुरु आज्ञा में . . .
गुर्रु साक्षात पर ब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:
गुरु आज्ञा में निश दिन रहिये, जो गुरु चाहे सोयि सोयि करिये ।
गुरु चरनन रज मस्तक दीजे, निज मन बुद्धि शुद्ध कर लीजे,
आँखिन ज्ञान सुअंजन दीजे, परम सत्य का दरशन करिये ॥
गुरु आज्ञा में . . .
गुरु अँगुरी दृढ़ता से धरिये, साधक नाम सुनौका चढ़िये,
खेवटिया गुरुदेव सरन में, भव सागर हँस हँस के तरिये ॥
गुरु आज्ञा में . . .
गुरु की महिमा अपरम्पार, राम धाम में करत विहार,
ज्योति स्वरूप राम दरशन को, गुरु के चरन चीन्ह अनुसरिये ॥
गुरु आज्ञा में . . .
9. Guruvar Tumhare Pyar Ne.mp3
गुरु को करिये वन्दना,भाव से बारम्बार,नाम सुनौका से किया,जिसने भव से पार ॥
गुरुवर तुम्हारे प्यार ने,जीना सिखा दिया,मुझको तुम्हारे प्यार ने,इंसान बना दिया ॥
रहते हैं जलवे आपके नजरों में हर घड़ी,मस्ती का जाम आपने ऐसा पिला दिया,ऐसा पिला दिया ॥
गुरुवर तुम्हारे प्यार ने . . .जिस दिन से मुझको आपने अपना बना लिया,दोनो जहाँ को हे प्रभु तब से भुला दिया,तब से भुला दिया ॥
गुरुवर तुम्हारे प्यार ने . . .जिस ने किसी को आजतक सजदा नहीं किया,वो सिर भी मैने आपके दर पे झुका दिया,दर पे झुका दिया ॥
गुरुवर तुम्हारे प्यार ने . . .
गुरुवर तुम्हारे प्यार ने,जीना सिखा दिया,मुझको तुम्हारे प्यार ने,इंसान बना दिया ॥
रहते हैं जलवे आपके नजरों में हर घड़ी,मस्ती का जाम आपने ऐसा पिला दिया,ऐसा पिला दिया ॥
गुरुवर तुम्हारे प्यार ने . . .जिस दिन से मुझको आपने अपना बना लिया,दोनो जहाँ को हे प्रभु तब से भुला दिया,तब से भुला दिया ॥
गुरुवर तुम्हारे प्यार ने . . .जिस ने किसी को आजतक सजदा नहीं किया,वो सिर भी मैने आपके दर पे झुका दिया,दर पे झुका दिया ॥
गुरुवर तुम्हारे प्यार ने . . .
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