Shree Swami Satyanand Ji Maharaj Ram Bhajan Shree Swami Satyanand Ji Maharaj Bhajan Singer Shree Swami Satyanand Ji Maharaj Shree Swami Satyanand Ji Maharaj Bhajan Mp3 Download
A Full Bhajan Album Of Lord Shree Rama By Shree Swami Satyanand Ji Maharaj Very Sweet Voice....
Free Download And Listen Shree Swami Satyanand Ji Maharaj Bhajan Mp3-
1. Bhajman Ramam Maha Abhiramam... भज मन रामं महाभिरामं
भज मन रामं महा अभिरामम्
भज मन रामं महा अभिरामम् ॥
अस्ति भाति शुचि प्रियस्वरूपम् ।
त्रिगुणातीतं चैतन्य रूपम् ।
जगदाधारं जगद् विरामम् ॥१॥
शक्तिमयं पुरूषोत्तम ईशम् ।
भक्त-वत्सलं श्री जगदीशम् ।
पूर्ण पुरूषं पूर्ण कामम् ॥२॥
अस्ति भाति शुचि प्रियस्वरूपम् ।
त्रिगुणातीतं चैतन्य रूपम् ।
जगदाधारं जगद् विरामम् ॥१॥
शक्तिमयं पुरूषोत्तम ईशम् ।
भक्त-वत्सलं श्री जगदीशम् ।
पूर्ण पुरूषं पूर्ण कामम् ॥२॥
2. Bhajiye Ram Naam Sukhdaai... भजिये राम नाम सुखदाई
भजिए राम नाम सुखदाई
भजिए राम नाम सुखदाई ॥
भ्रम भय संशय भूल सर्व तज,
भक्ति भाव उर लाई ॥१॥
मानव जन्म अमोलक पा कर,
उत्तम करिए कमाई ॥२॥
अमृत राम नाम मधुरतम,
सिमरो सुरती टिकाई ॥३॥
पाप ताप परिहरण-शरणवर,
सब दिन जो है सहाई ॥४॥
भ्रम भय संशय भूल सर्व तज,
भक्ति भाव उर लाई ॥१॥
मानव जन्म अमोलक पा कर,
उत्तम करिए कमाई ॥२॥
अमृत राम नाम मधुरतम,
सिमरो सुरती टिकाई ॥३॥
पाप ताप परिहरण-शरणवर,
सब दिन जो है सहाई ॥४॥
3. Sneh Sudha Barsa De... स्नेह सुधा बरसा दे
राम अब स्नेह सुधा बरसा दे
राम अब स्नेह सुधा बरसा दे ॥
भक्ति बदलिया उमड़ झूमती,झड़ियां सरस लगा दे ॥१॥
घट में घटा घन नाम गर्ज से,मन मयूर नचा दे ॥२॥
परम धाम की कृपा परा का,पानी पूर बहा दे ॥३॥
पाप ताप से तप्त हृदय-मन,शीतल शांत बना दे ॥४॥
भक्ति बदलिया उमड़ झूमती,झड़ियां सरस लगा दे ॥१॥
घट में घटा घन नाम गर्ज से,मन मयूर नचा दे ॥२॥
परम धाम की कृपा परा का,पानी पूर बहा दे ॥३॥
पाप ताप से तप्त हृदय-मन,शीतल शांत बना दे ॥४॥
4. Mangal Mandir Kholo Dayamay... मंगल मंदिर खोलो दयामय
मंगल मंदिर खोलो दयामय
मंगल मंदिर खोलो दयामय,
मंगल मंदिर खोलो ॥
अति उत्कण्ठित दर्शन को जन,
खड़ा द्वार पर तेरे ।
महा मनोहर राम नाम में,
मूर्तिमान हरि होलो ॥१॥
दो दिव्य दर्शन देव देव जी,
दया दृष्टि से देखो ।
उर लगा उत्संग में ले कर,
प्रेम सुरों से बोलो ॥२॥
वरद वरतम कर को फिराओ,
सहित प्रेम पुचकारें ।
निज बालक में वत्सलता से,
स्नेह सुधा रस घोलो ॥३॥
मंगल मंदिर खोलो ॥
अति उत्कण्ठित दर्शन को जन,
खड़ा द्वार पर तेरे ।
महा मनोहर राम नाम में,
मूर्तिमान हरि होलो ॥१॥
दो दिव्य दर्शन देव देव जी,
दया दृष्टि से देखो ।
उर लगा उत्संग में ले कर,
प्रेम सुरों से बोलो ॥२॥
वरद वरतम कर को फिराओ,
सहित प्रेम पुचकारें ।
निज बालक में वत्सलता से,
स्नेह सुधा रस घोलो ॥३॥
5. Maiya Mohe Mangal Darshan Deeje... मैया मोहे मंगल दर्शन डीजे
मैया मोहे मंगल दर्शन दीजै
मैया मोहे मंगल दर्शन दीजै ॥
विमल तेजोमयी मधुर मूर्ति,
मनोगमा में निहारूं ।
ममता मन्दिर में माँ मेरी,
अपना मुझे कर लीजै ॥१॥
भले भाव भीतर सब जागें,
भक्ति भाव भर आवे ।
भारी भरोसा भगवति पाऊँ,
ऐसी करूणा कीजै ॥२॥
तेरा प्रेम बसे अंग अंग में,
तेरा राग अलापूं ।
वे मैं कर्म करूं जिस से तू,
मुझ पर मैया रीझै ॥३॥
विमल तेजोमयी मधुर मूर्ति,
मनोगमा में निहारूं ।
ममता मन्दिर में माँ मेरी,
अपना मुझे कर लीजै ॥१॥
भले भाव भीतर सब जागें,
भक्ति भाव भर आवे ।
भारी भरोसा भगवति पाऊँ,
ऐसी करूणा कीजै ॥२॥
तेरा प्रेम बसे अंग अंग में,
तेरा राग अलापूं ।
वे मैं कर्म करूं जिस से तू,
मुझ पर मैया रीझै ॥३॥
6. Ram Ab Aisa Var Main Paaun... राम अब ऐसा वर मैं पाऊं
राम, अब ऐसा वर मैं पाऊँ
राम, अब ऐसा वर मैं पाऊँ ॥
दया दान दो परम देव जी,
वरदा दृष्टि पसारो ।
देव द्वार का जिस से सदा मैं,
दासानुदास कहाऊँ ॥१॥
ध्रुव धारणा धारूं तुझ में,
आशा एक भरोसा ।
अचल चूल वत निश्चल निश्चय,
परा प्रीति उर लाऊँ ॥२॥
एक भक्ति हो भगवन तेरी,
दूसरा देव न देखूं ।
राम नाम में लगन लगा कर,
दुविधा दूर भगाऊँ ॥३॥
दया दान दो परम देव जी,
वरदा दृष्टि पसारो ।
देव द्वार का जिस से सदा मैं,
दासानुदास कहाऊँ ॥१॥
ध्रुव धारणा धारूं तुझ में,
आशा एक भरोसा ।
अचल चूल वत निश्चल निश्चय,
परा प्रीति उर लाऊँ ॥२॥
एक भक्ति हो भगवन तेरी,
दूसरा देव न देखूं ।
राम नाम में लगन लगा कर,
दुविधा दूर भगाऊँ ॥३॥
7. Apne Path Par Aap Chalao... अपने पथ पर आप चालाओ
अपने पथ पर आप चलाओ
अपने पथ पर आप चलाओ,
पथ पतन ना पाऊँ मैं ॥
पावन पथ है परम प्रभु तेरा,
उस से पैर हटे न मेरा ।
पर पंथों की पगडंडी पर,
स्वपनों में भी न जाउँ मैं ॥१॥
तेरे पथ का पथिक मैं प्राणी,
संशय वश न पाउँ हानि ।
पग पग पर डग मग न डोलूं,
प्रेम प्रबल उर लाउँ मैं ॥२॥
पथ पतन ना पाऊँ मैं ॥
पावन पथ है परम प्रभु तेरा,
उस से पैर हटे न मेरा ।
पर पंथों की पगडंडी पर,
स्वपनों में भी न जाउँ मैं ॥१॥
तेरे पथ का पथिक मैं प्राणी,
संशय वश न पाउँ हानि ।
पग पग पर डग मग न डोलूं,
प्रेम प्रबल उर लाउँ मैं ॥२॥
8. Ab Maine Rasna Ka Fal Paaya... अब मैंने रसना का फल पाया
अब मैं ने रसना का फल पाया
अब मैं ने रसना का फल पाया ।
भाव चाव से राम राम जप,
अपना आप जगाया ॥१॥
राम राम की ध्वनि लगन में,
लव लीनता ला कर ।
राम नाम मधुरतम जप कर,
जीवन सफल बनाया ॥२॥
राम नाम रस चख रसना ने,
रस सरसानी हो कर ।
सभी रसों का सार सुधा सम,
राम प्रेम बसाया ॥३॥
राम नाम विलसे रसना पर,
निश दिन साँझ सवेरे ।
चलते फिरते सोते जगते,
सनी नाम से काया ॥४॥
भले भाव भीतर भर आये,
भक्ति भाव उमड़ाया ।
चम चम चमकी चित्त चारूता,
निश्चय चांद चढ़ आया ॥५॥
भाव चाव से राम राम जप,
अपना आप जगाया ॥१॥
राम राम की ध्वनि लगन में,
लव लीनता ला कर ।
राम नाम मधुरतम जप कर,
जीवन सफल बनाया ॥२॥
राम नाम रस चख रसना ने,
रस सरसानी हो कर ।
सभी रसों का सार सुधा सम,
राम प्रेम बसाया ॥३॥
राम नाम विलसे रसना पर,
निश दिन साँझ सवेरे ।
चलते फिरते सोते जगते,
सनी नाम से काया ॥४॥
भले भाव भीतर भर आये,
भक्ति भाव उमड़ाया ।
चम चम चमकी चित्त चारूता,
निश्चय चांद चढ़ आया ॥५॥
9. Ram Bharosa Tera... राम भरोसा तेरा
अब मुझे राम भरोसा तेरा
अब मुझे राम भरोसा तेरा ॥
मधुर महारस नाम पान कर,मुदित हुआ मन मेरा ॥१॥
दीपक नाम जगा जब भीतर,मिटा अज्ञान अन्धेरा ॥२॥
निशा निराशा दूर हुई सब,आई शांत सबेरा ॥३॥
मधुर महारस नाम पान कर,मुदित हुआ मन मेरा ॥१॥
दीपक नाम जगा जब भीतर,मिटा अज्ञान अन्धेरा ॥२॥
निशा निराशा दूर हुई सब,आई शांत सबेरा ॥३॥
10. Ram Naam Lo Lagi... राम नाम लौ लागी
राम नाम लौ लागी
राम नाम लौ लागी ।
अब मोहे राम नाम लौ लागी ॥
उदय हुआ शुभ भाग्य का भानु,भक्ति भवानी जागी ॥१॥
मिट गये संशय भव भय भारे,भ्रांति भूल भी भागी ॥२॥
पाप हरण श्री राम चरण का,मन बन गया अनुरागी ॥३॥
अब मोहे राम नाम लौ लागी ॥
उदय हुआ शुभ भाग्य का भानु,भक्ति भवानी जागी ॥१॥
मिट गये संशय भव भय भारे,भ्रांति भूल भी भागी ॥२॥
पाप हरण श्री राम चरण का,मन बन गया अनुरागी ॥३॥
11. Jaganmaat Jagdambe Tere Jaikaare... जगन्मात जगदम्बे तेरे जयकारे
जगन्मात जगदम्बे तेरे जयकारे
जगन्मात जगदम्बे तेरे जयकारे ।
तू शक्ति भगवती भवानी ।
महिमामयी महामा
तू शक्ति भगवती भवानी ।
महिमामयी महामा
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